वर्जिनिटी टेस्ट: इस वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन कौमार्य टेस्ट पर चाहता है प्रतिबंध
संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ ये वर्जिनिटी टेस्ट मानवाधिकारों का उल्लंघन है, इसलिए हम इस टेस्ट पर प्रतिबंध भी चाहते हैं|
उनके अनुसार, ये अवैज्ञानिक टेस्ट ये साबित नहीं कर सकते, कि किसी का कौमार्य भंग हुआ है या नहीं?
गौरतलब है, इस टेस्ट में महिला के जननांग को चेक किया जाता है, कि हायमन पूरी तरह ठीक है या फिर नहीं…
प्राइवेट क्लीनिक कौमार्य रिपेयर का दे रहे हैं विज्ञापन
दुनिया के कई देशों में कई प्राइवेट क्लीनिक कौमार्य रिपेयर का विज्ञापन दे रहे हैं|
यहाँ तक की इंग्लैंड की नेशनल हेल्थ सर्विस के आँकड़ों के मुताबिक़ पिछले पाँच साल में 69 हायमन रिपेयर सर्जरी हुई हैं, और वहाँ हायमन रिपेयर सर्जरी का खर्च 500 से 3000 पाउंड तक है|
WHO के मुताबिक़ लगभग 20 देशों में वर्जिनिटी टेस्ट होता है, लेकिन ऐसा एक भी सबूत नहीं जो इस बात की पुष्टि करता हो, कि इस जाँच से लड़की के वर्जिन होने का पता चल सकता है|
अमेरिकी रैप आर्टिस्ट TI ने पिछले साल एक विवादित बयान देकर हंगामा खड़ा कर दिया, कि वह हर साल अपनी बेटी का टेस्ट करवाते हैं, ताकि मुझे उसकी हायमन स्थिति का पता रहे|

ऑनलाइन फेक टेस्ट किट्स की भरमार
कई जगह 50 पाउंड में हायमन रिपेयर किट ऑनलाइन मिल रहे हैं, और उनका यहाँ तक दावा है, कि उससे वर्जिनिटी वापस आ जाएगी|
यहाँ तक की कई स्त्रीरोग विशेषज्ञ लोगों से इस तरह के बहकावे में ना आने का अनुरोध भी करते रहते हैं, उनके अनुसार, उन लोगों को भी कई बार वर्जिनिटी टेस्ट और हायमन रिपेयर के अनुरोध मिलते हैं|
उन्होंने बताया, कि अब तक ये ग़ैर-क़ानूनी क्यों नहीं हुआ, इसे ग़ैर-क़ानूनी बनाया जाना चाहिए.”
समाज को जागरूक करने की ज़रूरत
WHO के विशेषज्ञों के अनुसार, “पहले तो ये बात ही ग़लत है, कि अगर हायमन सही नहीं है, तो इसका मतलब है कि लड़की वर्जिन नहीं है| इसके और भी कई कारण हो सकते हैं, जैसे व्यायाम, स्पोर्ट्स इत्यादि|
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर हम अपने समुदाय को शिक्षित करें, और उनकी सोच बदल पाएँ तो फिर वर्जिनिटी टेस्ट की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी, और ये धंधा भी ख़ुद ही बंद हो जाएगा|
बता दें, इस साल की शुरुआत में ‘मिडल ईस्टर्न विमन ऐंड सोसाइटी’ ने कौमार्य जाँच को बंद करवाने के लिए एक कैम्पेन भी चलाया था|