भारत के इन मंदिरों में पुरुषों का प्रवेश है वर्जित, महिला करती है पूजा-अर्चना
हमारे देश में भारत में अभी तक आपने कई ऐसे मंदिरों के बारे में सुना होगा जहां स्त्रियों को जाने की या पूजा करने की अनुमति नहीं है। लेकिन आज की कड़ी में हम आपको ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पुरुषों को लेकर विशेष नियम बनाए गए हैं।
ब्रह्मा जी का मंदिर
ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर पुष्कर में है और इस मंदिर के भीतर विवाहित पुरुष को जाने की अनुमति नहीं है। मान्यता के अनुसार, शादीशुदा पुरुष यदि यहां आएंगे तो उनके जीवन में दुख आ जाएगा इसलिए वे केवल आंगन तक ही आते हैं, वहीं महिलाएं ही मंदिर के भीतर जाकर पूजा करती हैं।
चक्कुलाथुकावु मंदिर
केरल के नीरात्तुपुरम में में स्थित इस मंदिर को स्त्रियों का सबरीमाला मंदिर भी कहा जाता है। मान्यता के मुताबिक, इसी जगह पर मातारानी ने शुम्भ तथा निशुम्भ दानवों का वध किया था। दिसंबर के माह में यहां पुरुष पुजारी स्त्रियों के लिए 10 दिनों तक उपवास रखते हैं और यहां इसी महीने के पहले शुक्रवार को नारी पूजा होती है।
कोट्टनकुलंगरा मंदिर
कहा जाता है, कन्याकुमारी में मौजूद इस मंदिर वाले स्थान पर सती माता की रीढ़ की हड्डी यहां गिरी थी। इस मंदिर में केवल स्त्रियों और किन्नरों को ही पूजा करने का हक़ है। पुरुषों का मंदिर में प्रवेश वर्जित है।
कामाख्या मंदिर
असम का सबसे प्रसिद्ध शक्तिपीठ कामाख्या मंदिर राजधानी दिसपुर से तकरीबन 7 किलोमीटर दूर है। यहां की प्रथा के अनुसार, यहां माता सती का गर्भ तथा योनि गिरी थी। इस के चलते स्त्री पुजारी ही माता की आराधना करती हैं।