मशहूर पॉर्न वेबसाइट पॉर्नहब ने आरोपों के बाद इस कैटेगरी में किया परिवर्तन
मशहूर पॉर्न वेबसाइट पॉर्नहब ने अपनी साइट से लाखों वीडियो हटा लिए हैं, उन यूजर्स के वीडियो हटाए गए हैं, जो वेरिफाइड नहीं थे|
इस प्लेटफार्म पर ये आरोप लगते रहे हैं, कि वह नाबालिग और सेक्स ट्रैफिकिंग की शिकार हुईं लड़कियों के वीडियो साइट से हटाने में पूरी तरह असफल रही है|
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में इससे पहले दावा किया गया था, कि साइट पर बड़ी संख्या में अभी भी आपत्तिजनक, गैरकानूनी वीडियो मौजूद हैं|
वेरिफिकेशन के बिना अब यूजर्स नहीं कर सकेंगे कंटेंट अपलोड
अभी हाल ही में दो प्रमुख क्रेडिट कार्ड कंपनी, वीजा और मास्टरकार्ड ने ऐलान किया था, वे पॉर्नहब के पेमेंट को प्रोसेस नहीं करेंगे|
कंपनी ने एक बयान में कहा है, पॉर्नहब पर अब बिना वेरिफिकेशन के यूजर्स कंटेंट अपलोड नहीं कर सकेंगे, मतलब कि साइट के सभी कंटेंट के लिए वेरिफिकेशन की शर्त अनिवार्य रूप से लागू हो गई है, लेकिन अन्य प्लेटफॉर्म जैसे, कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, यूट्यूब ने अब तक ऐसी नीति लागू नहीं की है|
theguardian.com की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे चिंता भी ज़ाहिर होती है, कि पॉर्नहब के इस फैसले से लाखों सेक्स वर्कर्स और एडल्ट मॉडल्स की रोजी-रोटी पर खतरा पैदा हो सकता है, जो कोरोना महामारी की वजह से पहले से कठिन स्थिति में हैं| बता दें, अब तक इस वेबसाइट पर कोई भी यूजर कंटेंट अपलोड कर सकता था|
एडल्ट कंटेंट प्लेटफॉर्म है सॉफ्ट टारगेट
मशहूर पॉर्न वेबसाइट पॉर्नहब ने खुलकर कहा है, कि उन्हें वेबसाइट की नीतियों की वजह से निशाना नहीं बनाया जा रहा है, बल्कि इसलिए कि यह एक एडल्ट कंटेंट प्लेटफॉर्म है|
एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए पॉर्नहब के अनुसार, फेसबुक ने खुद बताया था, कि पिछले तीन साल के दौरान उसके प्लेटफॉर्म पर बच्चों के यौन शोषण से जुड़ी 8 करोड़ 40 लाख सामग्रियां मिलीं, वहीं, दूसरी तरफ इंटरनेट वाच फाउंडेशन ने कहा था, कि इसी दौरान पॉर्नहब पर सिर्फ 120 ऐसे कंटेंट पाए गए|