7 अक्टूबर 2001 से लगातार बिना ब्रेक राजनीति में डटे मोदी के बेमिसाल बीस साल
अटल जी के कहने पर मोदी ने राजनीति में सक्रिय रूप से एंट्री तब ली| जब पहली बार 7 अक्टूबर, 2001 को गुजरात के मुख्यंत्री पद की शपथ ली।
उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा| गुजरात को विकास की रह पर ले चले| ‘वाइब्रेंट गुजरात’ जैसे मोदी के कुछ कदमों ने राज्य को को नई पहचान मिली|
जिसके वजह से बाद में गुजरात बिजली उत्पादन जैसे कई मोर्चों पर आत्मनिर्भर हो गया| और इस तरह गुजरात मॉडल की चर्चा होने लगी।
गुजरात मॉडल से एक मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें भी नई पहचान मिली| इसी के फलस्वरूप भाजपा ने उन्हें 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री कैंडिडेट घोषित कर दिया।
आम जनता के दिल में है मोदी
भाजपा संगठन का मानना है| कि प्रधानमंत्री ने लगातार 20 साल की अपनी सरकारी सेवा के दूसरे दौर में भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर लोगों को संतुष्ट करने में सफलता पाई है।
फिर वो चाहे चुनावी वादों को प्रभावी तरीके से पूरा करने की बात हो| या फिर कोरोना महामारी आपदा से निपटने की बात हो| मोदी के के हर फैसले का आम जनता ने स्वागत ही किया है।