रहस्यमय शिव मंदिर जिसकी दीवारों को थपथपाने पर आती है डमरू की आवाज
भारत में रहस्यमय प्राचीन मंदिरों की कोई कमी नहीं है, आज हम आपको एक ऐसे ही रहस्यमय शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में कहा जाता है, कि यहां दीवारों को थमथपाने पर डमरू जैसी आवाज आती है।
एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर
यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित है, जिसे जटोली शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है, और जिसके बारे में यह भी दावा किया जाता है, कि यह एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है।
दक्षिण-द्रविड़ शैली में मंदिर का भवन निर्माण कला का एक बेजोड़ नमूना है|
इस मंदिर को लेकर मान्यता के अनुसार, कि पौराणिक काल में भगवान शिव यहां कुछ समय के लिए रहे थे।
1950 के दशक में स्वामी कृष्णानंद परमहंस के मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश पर ही जटोली शिव मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ।
मंदिर को तैयार होने में लगे 39 साल
जानकारी के मुताबिक, करोड़ों रुपये की लागत से बने जटोली शिव मंदिर को पूरी तरह तैयार होने में करीब 39 साल का समय लगा|
इस मंदिर का निर्माण देश-विदेश के श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए दान के पैसों से हुआ है, जिस वजह से इसे बनने में तीन दशक से भी ज्यादा का समय लगा।
यहां भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। लेकिन,आकर्षण का केंद्र मंदिर के ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचा एक विशाल सोने का कलश है, जो इसे बेहद ही खास बना देता है।